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“Bhoot Pret Ki Kahani | सन्नाटे का शापित जंगल”
बहुत समय पहले की बात है, एक छोटे से गाँव में चार मित्र रहते थे – राधा, रोहन, सुमित, और नितिन। वे सभी बहुत बहादुर और उत्साही थे। एक दिन गाँव के पास वाले घने जंगल के बारे में सुनकर उनकी जिज्ञासा जाग उठी। लोग कहते थे कि इस जंगल में रात के समय बहुत से डरावने और अदृश्य भूत घूमते हैं। लेकिन इन चारों को सच्चाई का पता लगाने का बहुत शौक था।
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पहेली का प्रारंभ
एक शाम को, चारों मित्रों ने तय किया कि वे रात में जंगल में जाएंगे और उस रहस्य का पता लगाएंगे। जैसे ही वे जंगल की ओर बढ़े, राधा ने एक पुराना और डरावना पेड़ देखा, जिस पर किसी ने लिखा था “सन्नाटे का शापित जंगल – अंदर न जाएं”। लेकिन उनकी जिज्ञासा बढ़ती ही जा रही थी।
पहला धमाका
जंगल के अंदर कदम रखते ही, चारों ने महसूस किया कि अचानक चारों तरफ सन्नाटा छा गया है। जैसे ही वे थोड़ी दूर चले, रोहन ने देखा कि एक पुरानी टूटी हुई झोपड़ी है। चारों ने मिलकर झोपड़ी के अंदर जाने का फैसला किया। जैसे ही उन्होंने दरवाजा खोला, एक जोरदार धमाका हुआ और झोपड़ी के अंदर पानी गिरने लगा।
भूतिया छाया
झोपड़ी में प्रवेश करने के बाद, सुमित ने देखा कि एक काले कपड़े पहने आदमी की छाया दीवार पर चल रही है। सबकी सासें थम गईं। नितिन ने जेब से टॉर्च निकाली और उस छाया की तरफ रोशनी डाली, पर कुछ नजर नहीं आया। तभी अचानक छाया गायब हो गई।
रहस्यमयी डायरी
झोपड़ी के कोने में, राधा को एक पुरानी डायरी मिली। उसने डायरी खोली तो देखा कि उसमें किसी ने लाल स्याही से लिखा था – “जो भी इस जंगल में आएगा, उसे भयानक मुसीबतें झेलनी पड़ेंगी।” सबको बहुत डर लगने लगा, लेकिन वे अब वापस जाने का नाम नहीं ले सकते थे।

भूतिया आवाजें
जैसे ही चारों मित्र जंगल में और गहरे जाने लगे, उन्होंने सुनी कि चारों तरफ से अजीब-अजीब आवाजें आ रही हैं। ये आवाजें बिलकुल इंसानी चीखों की तरह थीं। सभी ने डर से एक-दूसरे का हाथ पकड़ा और चलने लगे। अचानक, रोहन के पाँव कुछ कठोर पर पड़े और उसने देखा कि वहां एक मानव कंकाल पड़ा था।
फंसी आत्माएं
अचानक, चारों के सामने धुंआ उठता हुआ दिखा और उसमें से कुछ भूतिया आत्माएं बाहर निकलने लगीं। एक आत्मा ने कहा, “हम इस जंगल में फंसे हुए हैं। हमें मुक्ति चाहिए।”
राधा, रोहन, सुमित, और नितिन ने पूछा, “हम आपको कैसे मुक्त कर सकते हैं?”

शापित पेड़ की सच्चाई
आत्माओं ने बताया, “जिस पेड़ पर ‘सन्नाटे का शापित जंगल – अंदर न जाएं’ लिखा है, उस पेड़ के नीचे एक प्राचीन रत्न दबा हुआ है। उसे निकालने से हम मुक्त हो सकते हैं। लेकिन पेड़ की रक्षा एक भूत करता है जो बहुत शक्तिशाली है।”
अंतिम संघर्ष
चारों मित्र उस पेड़ के पास पहुँचे और खुदाई शुरू कर दी। जैसे ही उन्हें रत्न मिला, पेड़ के पास से एक विशाल भूत प्रकट हुआ। उसने अपनी लाल आँखों से घूरते हुए कहा, “तुम लोग इस रत्न को नहीं ले जा सकते।”
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बहादुरी और मित्रता
चारों मित्रों ने अपने साहस और दोस्ती की ताकत से उस भूत का सामना किया। भूत ने उन पर हमले शुरू कर दिए, लेकिन चारों ने मिलकर उस भूत को भगाने में कामयाबी हासिल की। जैसे ही उन्होंने रत्न को निकाला, सारी आत्माएं मुक्त हो गईं और उनका आभार व्यक्त करते हुए गुम हो गईं।
अंत की रौशनी
जंगल के बाहर निकलते ही, चारों मित्रों ने महसूस किया कि सारी भूतिया गतिविधियां खत्म हो गई हैं। लोग अब जंगल में बेरोक-टोक जा सकते थे। उन्होंने अपनी बहादुरी और दोस्ती की ताकत से गांव को इस शाप से मुक्त कर दिया।
इस घटना के बाद, वे चारों दोस्त गाँव में हीरो बन गए और उनकी इस साहसिक यात्रा की कहानी सबकी ज़ुबान पर चढ़ गई।
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